सुभाषितानी
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।। -ऋग्वेद अर्थ : उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अंत:करण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे। दीपज्योतिः परं ज्योतिः , दीपज्योतिर्जनार्दनः ।दीपो हरतु मे पापं , दीपज्योर्तिनमोऽस्तुते ॥ शुभं करोतु कल्याणम् , आरोग्यं …